Operation Mahadev : 25 July 2025 को जम्मू-कश्मीर में आनेवाला महादेव पीक पर भारत की सेना, जम्मू कश्मीर की पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान द्वारा मिलकर एक अभियान चलाया था. यह आंतकवादी अभियान को “Operation Mahadev” नाम दिया हे. आपको बताते हुये अच्छा लगता हे की इसमें 3 खूंखार आतंकियों को मोत के घाट उतार दिया हे. वही पहलगाम के आंतकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी था उसको सुलैमान शाह के नाम से जाना जाता हे.
पहलगाम हमला: जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया
22 April 2025 को जम्मू-कश्मीर के एक पर्यटन प्लेस पर यानि पहलगाम के बैसरन घाटी पर आंतकी हमला हुआ था. द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम के लोगो ने 26 निर्दोष प्रवासी की हत्या कर दी थी. आपको पता ही होगा की पर्यटकों को उसका धर्म पूछकर मारा था. वही ऐसा भी हुआ था की जो लोग इस्लामिक आयतें नहीं पढ़ सके, उसको गोलियों से मार दिया. यह घटना के बाद देश में आक्रोश का माहौल था.
- इस हमले में 26 निर्दोष प्रवासी मजदूरों और पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई.
- आतंकियों ने लोगों से धर्म पूछकर गोलियों से भून दिया.
- जो लोग इस्लामिक आयतें नहीं पढ़ पाए, उन्हें.
पहला जवाब: Operation Sindoor
इसके बाद भारत में सबसे पहले 7 May 2025 को Operation Sindoor को शरू किया था. इस अभियान के दौरान पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई थी. भारत का एक बात थी पहलगाम के आंतकी को उसके अंजाम तक पहुंचाना, इसलिए भारत ने ऑपरेशन महादेव की रूपरेखा तैयार की.
- इस दौरान पाकिस्तान और POK में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की गई।
- संदेश साफ था कि भारत किसी भी कीमत पर निर्दोषों की हत्या को बर्दाश्त नहीं करेगा।
- लेकिन असली लक्ष्य था, पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को खत्म करना।
Operation Mahadev : 14 दिनों की सुनियोजित कार्रवाई
आपको बता दे की Operation Mahadev कोई अचानक किया गया हमला नहीं था पर 14 दिनों से तैयारी कर रहे थे और आखिर में उसको अंजाम दिया गया. खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी से महादेव पीक पर लश्कर-ए-तैयबा के 6आतंकी छिपे हुए थे, जिसके अंदर पहलगाम के आंतकी भी थे और उसको भी मार गिराया.

खुफिया जानकारी और अमेरिकी हथियारों का हुआ खुलासा
आपको बता दे की सैटेलाइट फोन ट्रेसिंग और स्थानीय नेटवर्क से मिले सूचना पर आंतकी हाशिम मूसा को ट्रेस किया गया था. इसमें ऑपरेशन के बाद एक चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आयी हे. इसमें मारे गये आतंकियों के पास से M4 अमेरिकी राइफलें बरामद हुए हे यानि जप्त हुयी हे और वो अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा छोड़ी थी. खुफिया एजेंसियों से पता चला हे की पाकिस्तान की सेना और ISI ने अफगान आतंकी संगठनों की मदद से यह हथियार कश्मीर में लाये गये थे.
- मारे गए आतंकियों के पास से अमेरिकी M4 राइफलें और हाई-टेक हथियार बरामद हुए।
- जांच में पाया गया कि यह हथियार अफगानिस्तान से पाकिस्तान के जरिए कश्मीर पहुंचाए गए थे।
- इसमें पाकिस्तान की ISI और सेना की सीधी संलिप्तता उजागर हुई।
ओवरग्राउंड वर्कर्स नेटवर्क: आतंकियों की ढाल
एक जाँच के दौरान सामने आया हे की पहलगाम और महादेव पीक इस दोनों जगह पर सक्रिय आतंकियों को एक ही ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क से हथियार और सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध करवाए थे. इसमें छिपने के ठिकाने बनाना और हथियार छिपाना और हाई-प्रोटीन डाइट जुटाने तक की ट्रेनिंग शामिल हुयी थी. यह सब नेटवर्क पाकिस्तानी सेना द्वारा ऑनलाइन किया गया था.
Operation Mahadev की सफलता में शामिल एजेंसियां
24 Rashtriya Rifles (24 RR) : Operation Mahadev सेना का यह यूनिट कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए अच्छा हे. इनकी देखरेख और घेराबंदी की वजह से ऑपरेशन की सफलता में अहम भूमिका निभाई हे. 4 Para (4 PARA) : Operation Mahadev पैराशूट रेजीमेंट की इस टीम ने सटीक और चुपके से कार्रवाई करते हुए आतंकियों को सोते हुए धरमें दबोच लिया था. Jammu and Kashmir Police (JKP) : स्थानीय स्तर की जानकारी और खुफिया इनपुट के माध्यम से इस ऑपरेशन की योजना की वहज से एक नयी दिशा मिली. CRPF: ऑपरेशन के दौरान पूरे इलाके की घेराबंदी और लॉजिस्टिक सपोर्ट CRPF ने संभाला था.
- 24 Rashtriya Rifles (RR): ऑपरेशन की घेराबंदी और रणनीति संभाली।
- 4 Para (Special Forces): सटीक और चुपके से कार्रवाई कर आतंकियों को सोते समय दबोचा।
- Jammu & Kashmir Police: स्थानीय इनपुट और नेटवर्क जानकारी दी।
- CRPF: इलाके की नाकाबंदी और लॉजिस्टिक सपोर्ट संभाला।
भारत को मिली Operation Mahadev पर बड़ी जीत, पर खतरा अभी भी कायम
हाशिम मूसा समेत 3 आतंकियों को मार दिया जो भारत के लिए एक सुरक्षा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हे पर खुफिया एजेंसियों का मानना यह हे कि कश्मीर में अभी भी आतंकी खतरा बना हुआ है और पाकिस्तान समर्थित नेटवर्क लगातार सक्रिय हे.यही कारण है कि सेना को अब भी सतर्क रहना होगा ताकि कश्मीर में शांति बनी रहे.
- कश्मीर में आतंकी नेटवर्क अभी भी सक्रिय है।
- पाकिस्तान समर्थित संगठन लगातार नई साजिश रच रहे हैं।
- इसलिए सेना और एजेंसियों को सतर्क रहना होगा ताकि कश्मीर में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
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